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जिले में संचालित 1 से 12 तक के समस्त निजी विद्यालयों की 8 बिंदु पर होगी जांच,जिलाधिकारी के निर्देश पर कमेटी गठित

महराजगंज मे निजी विद्यालयों द्वारा अधिक शुल्क लेने का मामला

जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने ब्लाकवार कमेटी किया गठित, जांच शुरू महराजगंज जिले में संचालित एक से इंटर तक के समस्त निजी विद्यालयों में आठ विंदुओं पर जांच होने जा रही है जिसके लिए जिलाधिकारी अनुनय झा ने जांच कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है और जिला विद्यालय निरीक्षक अमरनाथ राय और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने ब्लाकवार जांच कमेटी भी गठित कर दिया है और जांच शुरू भी कर दी गई है। जांच कमेटी कुल आठ विंदुओं पर जांच करेगी और उसकी पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी महोदय को प्रेषित करेगी।

बता दें कि विद्यालयों में अधिक शुल्क लेने की जांच शुरू होने जा रही है। डीएम के निर्देश पर डीआईओएस अमरनाथ राय ने टीम गठित कर दी है। यह टीम स्कूलों पर जाकर सभी प्रकार के शुल्क, पुस्तक बिक्री आदि की जांच करेगी। जांच रिपोर्ट के बाद जरूरी कार्रवाई होगी।


डीएम को यह शिकायत मिल रही थी कि नए शैक्षिक सत्र के शुरुआत से ही विद्यालयों द्वारा मनमाना प्रवेश शुल्क, शिक्षण शुल्क, विद्यालय से ही पुस्तक बिक्री आदि अवैधानिक कार्य किया जा रहा है। इसपर डीएम ने सभी सीबीएसई, आईसीएसई माध्यमिक शिक्षा से सभी मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षण शुल्क व पुस्तक बिक्री की जांच का निर्देश दिया था। इसके क्रम में डीआईओएस अमरनाथ राय व बीएसए ने प्रत्येक ब्लाक के विद्यालयों की जांच के लिए ब्लाकवार जांच अधिकारियों की टीम बनाई है। बीईओ व राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य-प्रवक्ता को लगाया गया है। टीम जल्द ही सभी विद्यालयों पर जांच शुरू करेगी।

नए शैक्षिक सत्र के शुरूआत में ही सीबीएसई व आईसीएसई विद्यालयों द्वारा मनमाना शुल्क लिया जा रहा था। इसमें कक्षा एक में ही तीन से पांच हजार रूपये प्रवेश शुल्क व पुस्तक के नाम पर वसूला जा रहा था। हाईस्कूल व इंटर में सात से आठ हजार रूपये का शुल्क आदि लिए जाने की शिकायत मिल रही थी। लेकिन बीते दिन डीएम का कड़ा चेतावनी पत्र जारी होने के बाद विद्यालय संचालक चोरी छिपे यह धंधा कर रहे हैं।

इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक अमरनाथ राय ने मीडिया को बताया कि विद्यालयों पर शुल्क व पुस्तक जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। जांच टीम ने जांच शुरू कर दी है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आरोपित विद्यालयों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।

क्या-क्या होगी जांच

(1).विद्यालय में कितनी कक्षाएं संचालित हैं।
(2).प्रत्येक कक्षा में किस प्रकार का कितना-कितना शुल्क निर्धारित है।
(3).प्रत्येक कक्षा में कब-कब शुल्क बढ़ोत्तरी किया गया।
(4).शुल्क बढ़ोत्तर से पहले कमेटी का अनुमोदन लिया गया कि नहीं।
(5)विद्यालय के बच्चे पुस्तकें कहां से खरीदते हैं।
(6).विद्यालय से पुस्तके बेची जा रही हैं या नहीं।
(7).विद्यालय मान्यता प्राप्त है या नहीं।
(8).विद्यालय में बच्चों को क्या क्या असुविधा है।

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